मोहे अपने ही रंग में रंग दे ...ओ सांवरे ......
ना भाये मोहे लाल- पीला , जो चढ़ा है मुझ पे ... नीला ....,
ना भाये मोहे हरा - नारंगी , जो सजी है मुझ पे ....कलंगी ...
ना भाये मोहे गुलाबी - बसंती , जो मेरे है हृदय से लगी .... बैजन्ती ...
ना भाये मोहे अब कुछ इधर - उधर , जो सजी है मुरली मेरे ....अधर....
ना भाये मोहे कोई भी सतरंगा ....जो मेरा है मन तुझ में रँगा ......
" होली की शुभकामनाओं के साथ "
.......प्रार्थना .....
ना भाये मोहे लाल- पीला , जो चढ़ा है मुझ पे ... नीला ....,
ना भाये मोहे हरा - नारंगी , जो सजी है मुझ पे ....कलंगी ...
ना भाये मोहे गुलाबी - बसंती , जो मेरे है हृदय से लगी .... बैजन्ती ...
ना भाये मोहे अब कुछ इधर - उधर , जो सजी है मुरली मेरे ....अधर....
ना भाये मोहे कोई भी सतरंगा ....जो मेरा है मन तुझ में रँगा ......
" होली की शुभकामनाओं के साथ "
.......प्रार्थना .....