..हृदय की बंजर जमीं पर,जब भक्ति की स्नेह वर्षा होती है तो कुछ अंकुर स्वतः ही फूट पड़ते हैं.....उन पल्लवों पर कुछ ओस की बूँदें भावना बन कर उभर जातीं हैं.....बस ये वही आवेग हैं......
krishn prem mein bhige logoin ka swagat hai...........
Tuesday, January 5, 2010
श्याम मुझे ऐसा घर देना जहाँ शाम -सवेरे हो तेरा आना...... जो फूल खिलें मेरे अँगना,तुम हर फूल में मुस्काना..... जो पवन बहे मेरे अँगना, तुम आँचल लहरा जाना...... जो सांझ ढले-दीपक जले तुलसी तले ,तुम मुरली बजाते आना......
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