आ पहुँचीं हूँ ...तेरी कृपा से ....तेरे द्वारे
ओ मेरे सबल सहारे .....
इस "आनंद" में ही रमना चाहे, ये तन और मन अब मेरा ....
इस "प्रीति" से ही सजना चाहे , ये तन और मन अब मेरा .....
इस "विश्वास " को ही आधार माने , ये तन और मन अब मेरा ......
लो आ गई हूँ , अब बन के "कमल" मन का
स्वीकार करो ...ये तन और मन अब मेरा .....
.........प्रार्थना .........
लो आ गई हूँ , अब बन के "कमल" मन का bahut sunder
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