krishn prem mein bhige logoin ka swagat hai...........

Tuesday, March 5, 2013

आ पहुँचीं हूँ ...तेरी कृपा से ....तेरे द्वारे 
ओ मेरे सबल सहारे .....
इस "आनंद" में ही रमना चाहे, ये तन और मन अब मेरा ....
इस "प्रीति" से ही सजना चाहे , ये तन और मन अब मेरा .....
इस "विश्वास " को ही आधार माने , ये तन और मन अब मेरा ......
लो आ गई  हूँ , अब बन के "कमल" मन का 
स्वीकार करो ...ये तन और मन अब मेरा .....
.........प्रार्थना .........

1 comment:

  1. लो आ गई हूँ , अब बन के "कमल" मन का bahut sunder

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