krishn prem mein bhige logoin ka swagat hai...........

Thursday, August 9, 2012

प्रेम-आसक्ति क्या है..?? 
मन को रमाना ,रमाये रखना और स्वयं को पाते ही जाना.....
प्रेम-भक्ति क्या है..??
"समर्पण "-भाव ही श्रेष्ठ भक्ति का स्वरूप है .......
प्रेम का स्वरूप कैसा हो..??
समझ और विश्वास का आधार ही उसका स्वरूप है.....
प्रेम-स्वाधीनता क्या है..??
जब चाहो उसे पुकारो ,पाओ और पाना ही सर्वोपरि स्वाधीनता है....
प्रेम-बंधन क्या है..??
जहाँ आप आज़ाद हों ...वो ही सबसे प्रिय-बंधन है.........
......प्रार्थना......

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