krishn prem mein bhige logoin ka swagat hai...........

Sunday, March 21, 2010

मेरा सांवरा है सलोना ,आ कर मेरे मन में बसो ना .....

मैया-मैया बोल- बोलत है ,मेरे हृदय में लहर-सी  उठत है
माथे पर लटा-घुँघर झूमत है ,जैसे बट-वृक्ष की लतायें  झूमत है
मुख पर माखन लपटत है,जैसे नीर गागर से झलकत है
मेरे आंगन में झुप-झुप डोलत है, जैसे मेरा आंचल लहरात है

1 comment:

  1. प्रार्थना जी बाल मन कान्हा का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया है मुख पर माखन लपतट है जैसे नीर गागर से छलकत है -मनोहारी ...

    सुन्दर कृपया लिखते रहिये ...

    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

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