krishn prem mein bhige logoin ka swagat hai...........

Sunday, March 14, 2010

मेरे बाँके-बिहारी नन्दलाल,न करियो इतना श्रंगार
          नजर तोहे लग जाएगी ...........
तोरे माथे पे सोहे चन्दन लाल ,उपर से गल बैजन्ती माल.....
           नजर तोहे .....
तोरे गोरे -गुलाबी गाल,उपर से घूँघर वारे बाल.......
         नजर तोहे .....
तोरे कारे-कारे मतवारे नैना ,उपर से मीठी वारी मुस्कान......
        नजर तोहे...... 
तोरे प्यारे-प्यारे लागे बोल,उपर से ये मतवारी चाल ......
       नजर तोहे....
तोरा प्यारा लागे पीला -पटका ,मेरा तो मन वहीं है अटका ....
    नजर तोहे .....
मोहे प्यारी लागे मुरली धुन ,मैनें तो खो  दी है सुध-बुध .....
   नजर तोहे .....

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