मेरे बाँके-बिहारी नन्दलाल,न करियो इतना श्रंगार
नजर तोहे लग जाएगी ...........
तोरे माथे पे सोहे चन्दन लाल ,उपर से गल बैजन्ती माल.....
नजर तोहे .....
तोरे गोरे -गुलाबी गाल,उपर से घूँघर वारे बाल.......
नजर तोहे .....
तोरे कारे-कारे मतवारे नैना ,उपर से मीठी वारी मुस्कान......
नजर तोहे......
तोरे प्यारे-प्यारे लागे बोल,उपर से ये मतवारी चाल ......
नजर तोहे....
तोरा प्यारा लागे पीला -पटका ,मेरा तो मन वहीं है अटका ....
नजर तोहे .....
मोहे प्यारी लागे मुरली धुन ,मैनें तो खो दी है सुध-बुध .....
नजर तोहे .....
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