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Friday, January 1, 2010

आ श्याम आ मेरे बाँकेबिहारी......

आ श्याम आ मेरे बाँकेबिहारी ,चरणों की दासी मीरा करे इंतजारी ........
तेरे चरणों की रज से अपनी माँग भरूँगी, तेरे ही रंग में अपनी चुनरी रंगुंगी .......
तेरी मुरली धुन सुन दौड़ी चली आऊँगी ,तेरे प्रेम से ही मन की गागर भरूँगी ......
तेरी प्रीत में जोगन बनी हूँ ,तुझे न पाऊँगी तब तक चैन पाऊँगी .......

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