तुम आओ न आओ कानाह ,मैं तुम्हें यूहीं बुलाया करूँ .....
तुम सुनो न सुनो कानाह , मैं तुम्हें यूहीं पुकारा करूँ ......
तुम मिलो न मिलो कानाह ,मैं तुम्हें यूहीं पाना चाहूँ .....
तुम कहो न कहो कानाह ,मैं तुम्हें यूहीं सुना करूँ .....
तुम देखो न देखो कानाह ,मैं तुम्हें निहारा करूँ ....
तुम चाहो न चाहो कानाह ,मैं पूजा करूँ........
Do you know all poems are nice! You have done wonderful work of Love!
ReplyDeleteJai Sri Krishana! Jai Guru!