मैं ,न राधा -मीरा
मैं तुमरी दासी ,करूँ प्रार्थना दिन -राती .......
मैं ,न मुकुट -पीताम्बर
मैं ,चरणों की झांझर ,पड़ी रहूँ शरण तिहारी......
मैं , न दीपक -ज्योति .....
मैं ,मंदिर की बाती ,जलती रहूँ दिन -राती ......
मैं ,न कलंगी -मुरली ......
मैं ,कंठ की बैजन्ती माल,लगी रहूँ ह्रदय से तिहारी......
मैं ,न यमुना -वट -वृक्ष
मैं ,हूँ तीरे की रज ,जहाँ हो रास दिन -राती.......
मैं ,न रुकमनी -तुलसी.
मैं ,हूँ चाँद की चकोर ,निहारा करूँ दिन-राती....
मैं ,न यशोदा -देवकी ......
मैं ,हूँ सुदामा की आस ,मिलन की राह पर चलूँ दिन -राती .....
सुंदर रचना के साथ आपका स्वागत है!
ReplyDeleteनया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
sabse pahle to shubham varsh ki shubhkamnayen....
ReplyDeletebahut sundar or saral abhivyakti kai aapki lakhni main ...keep writting !!
Jai HO Mangalmay HO
इस नए वर्ष में नए ब्लॉग के साथ आपका हिन्दी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. आशा है आप यहां नियमित लिखते हुए इस दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होंगे .. आपके और आपके परिवार के लिए नया वर्ष मंगलमय हो !!
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