मैं ,न जानूँ, तुम कौन हो मेरे ..........
उठा जाते हो , भोर होते ,
नयनों में ज्योति जगा जाते हो ,
ह्रदय में बस जाते हो ,
जिधर जाऊँ मिल जाते हो ,
तन में लहू -सा बहा जाते हो ,
जिधर देखूँ समा जाते हो ,
चित में धीर धर जाते हो ,
मन में करुना पैदा करुँ जाते हो ,
ध्यान में सवेरा कर जाते हो ,
जीवन में आस जगा जाते हो,
न जाने तुम कौन हो मेरे .................
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