krishn prem mein bhige logoin ka swagat hai...........

Monday, February 22, 2010

तेरे संग ने मुझमें,
        जीने कि अलख जगाई......
  इन आनंदाश्रुओं को  ,
          मैं न कभी रोक पाई......
सोचती हूँ जाने दो धुल,
            ह्रदय का अंतनिर्हित मेल.....
होगा निर्मल मन का धरातल,
            और बीतेगा तेरी कृपा से हर पल .......

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